क्या दिखता है
क्या क्या दिखता है
आँखें खुली हैं
इसलिए जो है सो दिखता है
पेड़ हैं घर हैं लोग हैं
कौवे गौरैय्या कुत्ते भी हैं
लोग आ जा रहे हैं
बतिया रहे हैं
सिगरेट पी रहे हैं
जला रहे हैं, बुझा रहे हैं
दुकानदार पैसे ले रहा है
वापस कर रहा है
पैसे कमा रहा है
उसके पास डबल रोटी अंडे
टॉफी चिप्स और बिस्किट भी हैं
वो तम्बाकू वाले मावा के पैकेट भी रखता है
कई लोगों को हाथ का बनाया मावा पसंद है
उसपे कोई घिनौनी फोटो नहीं होती
सस्ता भी है और फ्रेश भी
उसके हाथ काफी जल्दी जल्दी चल रहे हैं
दो लोग और लाइन में खड़े हैं
पैकेट लेकर लोग जा रहे हैं
नए आ रहे हैं
रेज़गारी डिब्बे में जा रही है
नोट कहीं और डाले जा रहे हैं
ये मावा हर कोई नहीं खा सकता
सिर्फ वो ही जिन्हें इसके नशे की ज़रुरत हो
या लत हो
सिगरेट के पैकेट पर एक खतरनाक चित्र है
मैं उसे देख नहीं सकता
शायद उल्टी हो जाएगी
मन परेशान हो जायेगा
पर कोई बात नहीं
ऐसा पैकेट मेरे हाथ में नहीं है
पैकेट वाला भयानक चित्र चेतावनी देता है
कि तम्बाकू खाने वाले कैंसर के शिकार हो सकते हैं
कुछ कहा नहीं जा सकता
कि ऐसा होता ही है
या हो ही नहीं सकता
पर सुना है कि खतरा ज़रूर बढ़ जाता है
हज़ारों लोग हैं जो तम्बाकू नहीं खाते पर उन्हें भी कैंसर हुआ है
असल में कैंसर को अभी तक किसी ने समझा ही नहीं है
कहाँ से आता है, क्यों, कैसे
किसे, कब हो जायेगा पता नहीं
हाँ जब दर्द शुरू होता है
और रुकता नहीं और कारण समझ नहीं आता
तो डॉक्टर साहब को हाज़री लगानी पड़ती है
वो इधर उधर हाथ से दबाता है
दर्द कहाँ है, पूछता है
फिर पर्चे पर कुछ दवाइयें लिखता है
नीचे लिखता है अगर दर्द ठीक न हो तो
ये वाले हॉस्पिटल जाइये
कई दिनों बाद
वहां एक नए पर्चे पर दवाइयों के साथ
एक्स-रे, कई तरह के स्कैन
पर्चों पर पर्चे दिए जाते हैं
हॉस्पिटल के चक्कर पे चक्कर लगते हैं
आपकी जेब हल्की हो चुकी होती है
कोई दिनों की भागदौड़ के बाद नतीजा आता है
अब कुछ चीज़ें एक साथ होती हैं
पहले आपके चेहरे के भाव बदल जाते हैं
चेहरा पर एक ऐसा खौफ़ आता है
जो बीवी बच्चों ने कभी नहीं देखा था
इस समाचार को पचाने में कई दिन लग जाते हैं
इसके बाद बाकी परिवार
माँ बाप भाई बहन चाचा चाची
मामा मामी भतीजे भांजे
फिर दोस्त, दोस्तों के परिवार
जान पहचान वाले, बच्चे कच्चे
जिन्होंने भी आपका नाम सुना है
या मिले हैं ...
अब ज़रा सोचिये
उस छोटी सी दुकान का
एक सस्ता और तुच्छ सा पैकेट
कितने लोगों की ज़िन्दगी में
कितना बड़ा तूफ़ान खड़ा कर सकता है
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