अरे! क्या हाल है दोस्त ?
बस, कुछ खास नहीं
किधर चले?
बस कहीं नहीं, यूँ ही
और कोई नयी ताज़ी ?
नहीं नहीं, कुछ खास नहीं
अच्छा ये हाथ पे क्या हुआ
कुछ नहीं, ऐसे ही?
ये तो जले का निशान लगता है
हाँ असल में वो...
क्या घर में पकोड़े बना रहे थे?
नहीं नहीं, बस ऐसे ही
उफ़, तेल काफी गरम रहा होगा
असल में... आग से जला है
आग! कैसी आग?
चिंगारी
चिंगारी? घर में? आग लग गयी थी क्या?
नहीं, असल में पिता जी के दाह संस्कार में एक...
क्या! तुम्हारे फादर गुज़र गए ?
हाँ... वो तीन दिन हुए
ओहो तो ये निशान चिता की आग से?
हाँ वहीं से, मुझे ही करना था सब कुछ
सॉरी यार... तो क्या बीमार थे ?
नहीं... सिर्फ बूढ़े थे, नब्बे साल के
अरे वाह तब तो पूरी ज़िन्दगी जी लिए ऐसा कह सकते हैं
हाँ, कह भी सकते हैं
बीमार रहे? आखीर में?
नहीं कुछ खास नहीं, सिर्फ एक महीना
वाह वाह, जीना हो तो ऐसा
हाँ शायद
अम्म, शायद उनको मिस कर रहे होगे?
हम्म... अभी तो कुछ खास नहीं
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