काले हीरों की चमक से
जड़ें प्यार की सूख गयी हैं
बुझी हुई बर्फीली नज़रों से
चेहरे पर जो ज़िन्दगी का इशारा सा है
वो है उन आंखों की याद से
सीने में अभी भी जो हरक़त है
दोस्त की मुस्कान की गर्मी से
एहसास की रोशनी एकाएक एक दिन कर गयी रोशन इस दिल के कुछ ख़ाली अँधेरे खाने पुरानी बंद किताब के पन्ने कुछ अजीब लगा बहुत सारी पुरानी चीज़ें ...